(भाग – 2)
यात्रा पूर्व
http://uttarakhandtourism.gov.in/char-dham से साभार |
आपने अभी तक “आओ छोटा चार धाम यात्रा पर चलें – (भाग – 1) यात्रा पूर्व” में पढ़ा कि कैसे ब्लॉग एवं अन्य माध्यम से जानकारी जुटा कर मैंने यात्रा से संबंधित एक बारह दिवसीय कार्यक्रम की रूप-रेखा बनाई. मैं जब किसी यात्रा की रूपरेखा बनाता हूँ तो कोशिश रहती है कि आस-पास के सभी प्रमुख्य स्थलों को उसमें समाहित किया जाए क्योंकि एक ही यात्रा को बारबार दोहराने का मौका नहीं मिलता है, परन्तु इस तरह के यात्रा की रूप- रेखा में अन्य कई महत्तवपूर्ण स्थलों को समाहित नहीं कर पाने का मलाल रहता है. अफ़सोस तब और ज्यादा होता है जब यात्रा पुरी करने के बाद पता चलता है कि अमुख स्थल तो रास्ते में ही था और दोस्तों या अन्य माध्यम से जानकारी बाद में मिली और कभी-कभी यात्रा के दौरान किसी अजनबी के माध्यम से किसी महत्वपूर्ण स्थल का पता चलता है जिसमें कभी-कभी थोड़ा सा यात्रा का मार्ग बदलना पड़ जाता तो ख़ुशी दुगुनी हो जाती है . मेरा मानना है किसी भी प्रकार की कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में कोई ना कोई खामी रहती ही है और ये भी जरूरी नहीं है कि कार्यक्रम की रूपरेखा तय समय,तरीके एवं हु-ब-हु ढंग से संपन्न हो . परस्थिति अनुसार उसमें समय-समय पर संशोधन होता रहता है .
खैर! अभी तक तो काल्पनिक बातें हो रहीं थी. आप जब किसी दुर्गम स्थल की यात्रा पर निकलते हो तो सभी की कोशिश यही रहती है कि कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो व्यक्तिगत रूप से उस दुर्गम स्थल की यात्रा का अनुभव रखता हो. तो, मुझे बहुत से व्यक्ति मिले जिन्हें केदारनाथ जी या बद्रीनाथ जी या दोनों स्थलों की यात्रा का अनुभव था परन्तु चारों धाम की यात्रा का अनुभव किसी को नहीं था और ब्लॉग जगत में भी कार द्वारा चारों धाम की यात्रा वृतांत नहीं मिला. ज्यूँ-ज्यूँ यात्रा की निर्धारित तिथि नजदीक आ रही थी तो कुछ लोग एवं यू-टिउब के माध्यम से ने मौसम एवं सडकों के बारे में कुछ भयावह तस्वीरें सामने आ रही थी जो आंशिक रूप से सत्य भी थे. तब मैंने विश्वसनीय वेब-साईट को खोजना शुरू किया जो मौसम के बारे में सटीक जानकारी दे सके. इसी क्रम में मुझे एक सरकारी वेब-साईट The India Meteorological Department (IMD), New Delhi का लिंक http://amssdelhi.gov.in/chardham/chardham.html मिला जिस में चार धाम के मौसम की सटीक जानकारी मिली, जिससे मुझे पता चला कि मेरी यात्रा के दौरान उनकी तरफ से कोई गंभीर चेतावनी इंगित नहीं थी. तो मुझमें अपनी यात्रा शुरू करने की हिम्मत बढ़ी. पहाड़ी सडकों पर गाड़ी चलाने की अनुभव के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल रही थी तो हम सब ने तय किया कि कार से चलते हैं अगर कहीं भी दिक्कत आई तो भाड़े की गाड़ी से आगे की यात्रा संपन्न की जाएगी. यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम के लिए होटलों की अग्रिम बुकिंग ऑन-लाइन के माध्यम से हो सकती थी परन्तु यात्रा के दौरान मौसम की अनिश्चितता के कारण दोस्तों ने राय दी कि होटलों की अग्रिम बुकिंग न कराएं और मुझे भी यह सुझाव अच्छा लगा. चारधाम यात्रा के सभी स्थलों पर GMVN के सरकारी यात्री निवास बने है। आप चाहें तो www.gmvnl.in लिंक पर जाकर ऑनलाइन अग्रिम रूम आरक्षित कर सकते है। अन्य जानकारी के अनुसार हमलोगों ने कपड़ों, जूतों एवं अन्य सामाग्री यात्रा के लिए जुटाने शुरू कर दिए जिसमें सबसे प्रमुख्य था दवाओं का एक किट जिसके बारे में एक कागज पर विस्तृत जानकारी के साथ रख कर सभी सदस्य को सूचित कर दिया गया. सभी तैयारियों के बाद यात्रा करने का शुभ दिन भी आ गया और निर्धारित समय के अनुसार हमलोग दिनभर आराम कर 12 जून 2018 रात को 10 बजे अपनी यात्रा प्रारंभ कर दिए ताकि 20 जून 2018 को अपनी शादी की 21 वीं सालगिरह पर ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ जी का दर्शन कर सकें.
शेष 05-10-2018 के अंक में .................................
भाग -3 पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें :
आओ छोटा चार धाम यात्रा पर चलें – (भाग – 3) हरिद्वार (प्रथम पड़ाव एवं विधिवत रूप से चार धाम यात्रा का श्री गणेश)”
भाग -3 पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें :
आओ छोटा चार धाम यात्रा पर चलें – (भाग – 3) हरिद्वार (प्रथम पड़ाव एवं विधिवत रूप से चार धाम यात्रा का श्री गणेश)”
भाग -1 पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें :
“आओ छोटा चार धाम यात्रा पर चलें – (भाग – 1) यात्रा पूर्व”
© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
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