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Friday, June 29, 2018

अतृप्त


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अतृप्त 

बादल, ख्वाहिशों का,
चाहत अब तक की, 
उसको, तुमसे मिलने से पहले 
टाँग आई मैं,
पहाड़ की चोटी पर,
इस आस के साथ कि
तुम्हारे प्यार की ऊष्मा में,
संघनित हो,
मेरी ख्वाहिशों के बादल,
मेरे दामन को खुशियों से भर देंगे,
पर ऐसा अभी तक न हुआ। 

कल्पनाओं की उड़ान भर,
अक्सर मैं देख आती हूँ  उस बादल को,
जो अभी भी सुरक्षित टँगा है  
जिसमें मेरी ख्वाहिशें,
अब भी सुरक्षित हैं,
ठोस अवस्था में,
मृत शरीर सा शांत एवं ठंडा।

और आज मैं क्या देख रही हूँ,
कोई पहाड़ की चोटी को हिला रहा है,
अपनी गर्म साँसों से,
मेरी ख्वाहिशों के बादल को,
बहा कर ले जाना चाहता है,
और टाँगना चाहता है 
अपनी इच्छाओं की चोटी  पर। 

नहीं चाहता वो मुझ से कुछ भी,
केवल चाहता है  संघनित करना 
मेरी ख्वाहिशों के बादल को 
और भरना चाहता है,
मेरा दामन खुशियों से,
पर तुम्हें यह भी मंजूर नहीं।



अतृप्त (Ungratified )            : जिसका मन न भरा हो।; जिसकी कामना या भूख अभी तक बनी हो।
संघनित करना(CONDENSE):  द्रवीकरण होना

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"


Wednesday, June 27, 2018

फोटोग्राफी : पक्षी 57 (Photography : Bird 57 )


Photography: (dated 21 06 2018 09 :00 AM )

Place : Badrinath, Uttarakhand, India

Alpine chough

The Alpine chough or yellow-billed chough, is a bird in the crow family.This bird has glossy black plumage, a yellow beak, red legs, and distinctive calls.
  
Scientific name:  Pyrrhocorax graculus
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

अल्पाइन चाफ़ या पीले-चोंच वाली चाफ़, कौआ परिवार का  एक पक्षी है। इस पक्षी को, चमकदार काला पंख, एक पीली चोंच, लाल पैर और विशिष्ट आवाज़ के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है।

वैज्ञानिक नाम :  पायर्रोकोरेक्स ग्रकुलस
फोटोग्राफर   :  राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-

Marathi: हिमकाक; Nepali: टुङ्गा,टेमुSanskrit: लोहतुण्ड काकोल, सुवर्ण काक



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-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Wednesday, June 13, 2018

FACE OF COMMON MAN - 2





-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"


Friday, June 8, 2018

FACE OF COMMON MAN - 1




-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Wednesday, June 6, 2018

MEME SERIES - 9


Biweekly Edition (पाक्षिक संस्करण) 06 June'2018 to 19 June'2018

मीम (MEME)

"यह एक सैद्धांतिक इकाई है जो सांस्कृतिक विचारों, प्रतीकों या मान्यताओं आदि को लेखन, भाषण, रिवाजों या अन्य किसी अनुकरण योग्य विधा के माध्यम से एक मस्तिष्क से दूसरे मस्तिष्क में पहँचाने का काम करती है। "मीम" शब्द प्राचीन यूनानी शब्द μίμημα; मीमेमा का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ हिन्दी में नकल करना या नकल उतारना होता है। इस शब्द को गढ़ने और पहली बार प्रयोग करने का श्रेय ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस को जाता है जिन्होने 1976 में अपनी पुस्तक "द सेल्फिश जीन" (यह स्वार्थी जीन) में इसका प्रयोग किया था। इस शब्द को जीन शब्द को आधार बना कर गढ़ा गया था और इस शब्द को एक अवधारणा के रूप में प्रयोग कर उन्होने विचारों और सांस्कृतिक घटनाओं के प्रसार को विकासवादी सिद्धांतों के जरिए समझाने की कोशिश की थी। पुस्तक में मीम के उदाहरण के रूप में गीत, वाक्यांश, फैशन और मेहराब निर्माण की प्रौद्योगिकी इत्यादि शामिल है।"- विकिपीडिया से साभार.

MEME SERIES - 9

By looking at this picture you might be having certain reaction in your mind, through this express your reaction as the title or the  caption. The selected title or caption of few people will be published in the next MEME SERIES POST.

इस तस्वीर को देख कर आपके मन में अवश्य ही किसी भी प्रकार के प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई होगी, तो उसी को शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)के रूप में व्यक्त करें। चुने हुए शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)को अगले MEME SERIES POST में प्रकाशित की जाएगी।



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The next edition will be published on JUNE 20, 2018. If you have similar type of picture on your blog, leave a link of your post in my comments section. I will link your posts on my blog in the next edition. Thank you very much dear friends for all your valuable captions for MEME SERIES-8 . Your participation and thoughts are deeply appreciated by me. Some of the best captions are listed below.

अगला संस्करण 20 जून , 2018 को प्रकाशित किया जाएगा। यदि आपके ब्लॉग पर इस तरह की कोई तस्वीर है, तो अपने पोस्ट का लिंक मेरी टिप्पणी अनुभाग में लिख दें। मैं अगले संस्करण में अपने ब्लॉग पर आपका पोस्ट लिंक कर दूंगा। मेरे प्रिय मित्रों, आपके सभी बहुमूल्य शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION) के लिए धन्यवाद। MEME SERIES-8 के पोस्ट पर आपकी भागीदारी और विचारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया, उनमें से कुछ बेहतरीन कैप्शन नीचे उल्लेखित हैं। 


MEME SERIES-8 के बेहतरीन कैप्शन

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कठिन साधना की प्रेरक प्रसंग..................Kavita Rawat

Friday, June 1, 2018

किला गोबिंद गढ़ , अमृतसर


 किला गोबिंद गढ़ , अमृतसर
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आप ने बहुत से किलों का अवलोकन किया होगा परन्तु किला गोबिंद गढ़ , अमृतसर को "वर्चुअल रियलिटी थीम पार्क" में तबदील कर दिया गया है और इसको देखना अपने-आप में सुखद और दुःखद दोनों ही प्रकार की स्थितियों का एहसास होना आपके नज़रिए पर निर्भर करता है। अगर आप पुरातत्व-प्रेमी हैं तो यहाँ आकर आपको निराशा ही हाथ लगेगी और अगर आप खुले विचारों के हैं तो यह किला आपके दर्शन के लिए उपयुक्त है । यहाँ, पुरातन किले के दर्शन के साथ-साथ आपके मनोरंजन का पूरा ख़्याल रखा गया है और इसका मुख्य श्रेय जाता है, पंजाब हेरीटेज एंड टूरिज्म प्रोमोशन बोर्ड एवं रजत-पट की अभिनेत्री दीपा शाही की कंपनी "मायानगरी" को, जो अपने लक्ष्य को हासिल करने में शत-प्रतिशत कामयाब हुए परन्तु इनका यह प्रयोग इतिहास प्रेमियों को शायद ही पसंद आए। बाजारीकरण की होड़ में कहीं न कहीं राष्ट्रीय धरोहर की अवहेलना हुई है। मेरे अनुसार, पंजाब हेरीटेज एंड टूरिज्म प्रोमोशन बोर्ड ने अपनी धरोहर एवं विरासत को प्रदर्शित करने के लिए 1. हेरिटेज वाक 2. विरासत-ए-खालसा 3. फ़तेह बुर्ज़  4. जंग-ऐ-आज़ादी यादगार भवन 5. महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली:  रामतीरथ मंदिर, अमृतसर आदि परियोजनाओं पर बहुत बेहतरीन कार्य किया है, परन्तु एतिहासिक धरोहर के साथ ऐसा प्रयोग उचित नहीं है।
     खैर ! आज के आधुनिक विचार-धारा के अनुरूप बने इस किले की साज-सज्जा का आनंद आप यहाँ आकर ले सकते हैं, इसके लिए आपको प्रवेश शुल्क न्यूनतम 30 रु. अदा करना पड़ेगा और अधिकतम 590 रु. ।
12 दिसंबर 2016 को, पंजाब सरकार ने, 142 एकड़ में फैले इस ऐतिहासिक किला गोबिंद गढ़ का लोकार्पण किया था। यहाँ पर अल्ट्रा मॉर्डन टेक्नोलॉजी वाले शो, लाइव शो एवं हॉट-बाज़ार आपको मन्त्र-मुग्ध करते हैं, जिसका विवरण निम्न लिखित है  :
1. शेर-ए-पंजाब
लगभग 14.5 मिनट का महाराजा रणजीत सिंह पर एक 7 डी शो - जो आपको 19वीं शताब्दी में ले जाता है। इसका निर्देशन अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्री केतन मेहता ने किया है।

2. कंडा बोलियाँ ने - गोबिंदगढ़ की कहानी पर एक शो
सूर्यास्त के बाद पंजाबी और अंग्रेजी भाषा में 30  मिनट के दो शो,  100 फीट x 50 फीट के एक दीवार पर  लेजर रोशनी, कंप्यूटर एनीमेशन और प्रोजेक्शन मैपिंग टेक्नोलॉजीज, 20,000 लुमेन प्रोजेक्टर और 7.1 सराउंड साउंड के साथ एक मल्टी-मीडिया प्रकाश एवं ध्वनि  के माध्यम से , गोबिंदगढ़ किले की कहानी को बयां किया जाता है जिसे आप किले के ऐतिहासिक खुले लॉन में बैठ कर आनंद लेते हैं ।

3. द स्प्रिट ऑफ़ पंजाब : ए लाइव शो
परंपरागत परिधानों में संगीतकारों और नर्तकियों के मनोरंजक नृत्य एवं अविश्वसनीय मार्शल आर्ट्स फॉर्म "गतका" का लाइव प्रदर्शन भरपूर मनोरंजन करता है।
4. हाट-बाज़ार:
फुलकारी, जूतियां, विरासत शिल्प के टुकड़े, पुराने ज़रदोज़ी काम की खरीदारी के साथ-साथ आप लज़ीज़ खाने का स्वाद भी आप यहाँ ले सकते हैं।
इसके अलावा झूले और ऊंट की सवारी का भी आनंद आप ले सकते हैं।
आइए आपको वहाँ की कुछ झलकियाँ तस्वीरों के माध्यम से दिखाता हूँ :

















अंत में किला गोबिंद गढ़ , अमृतसर का संक्षिप्त इतिहास: श्री हरमंदिर साहिब व अमृतसर शहर की,मुसलमानों के बाहरी व भीतरी हमलों से सुरक्षा के लिए भंगी रियासत के प्रमुख गुज्जर सिंह ने इस किले की नींव 18वीं शताब्दी में रखी थी।  1805 में महाराजा रणजीत सिंह ने पाँच बड़ी तोपों के साथ के साथ इस किले पर कब्जा कर लिया। 1805 से 1809 के बीच महाराजा रणजीत सिंह ने इस किले को और मजबूत किया और सिखों के दसवें गुरु "गुरु गोबिंद सिंह" के नाम पर इस किले का नाम "गोबिंद गढ़" रखा। गोबिंदगढ़ किले का निर्माण ईंटों और चूने से किया गया है एवं इसका आकर चौकोर है। इसकी प्राचीर पर 25 तोप लगी हुई हैं। इसके मुख्य प्रवेश द्वार का नाम नलवा गेट है जो हरि सिंह नलवा के नाम पर है। पीछे तरफ का प्रवेश द्वार का नाम "खूनी द्वार"  है और यहाँ से लाहौर के लिए एक भूमिगत सुरंग थी । मशहूर हीरा "कोहिनूर" को यहीं पर रखा गया था।

पंजाब पर अंग्रेजों का राज हो जाने पर 1849 में यह किला भी उनके पास चला गया। किवदंती के अनुसार जरनल डायर का निवास स्थान यहीं था जिसका कोई पुख्ता सबूत इतिहास के पन्नों में नहीं मिलता है। आजादी के बाद यह किला भारतीय सेना के कब्जे में रहा।  छावनी क्षेत्र में होने के कारण आम जनता की नजर में यह कभी आया ही नहीं।
अक्टूबर 1948 से 5 अक्टूबर 2008 तक किले पर आर्मी का कब्जा रहा। इस दौरान 26 इंडियन आर्मी यूनिट यहां पर रही।  6 अक्टूबर 2008 को आर्मी ने इस किले को पंजाब सरकार को सुपुर्द कर दिया था।



-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"