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Friday, December 29, 2017

शिमला – जो देखने मैं गया




शिमला बस स्टैंड के सामने का दृश्य 













मेरी इस रचना की अवधारणा मेरे शिमला प्रवास के दौरान आई। पहाड़ों की दुर्दशा को देख प्रकृति प्रेमियों के घायल मन से उपजी गज़ल :

शिमला – जो देखने मैं गया


बरसों बाद मैं पहाड़  से मिला,
लहूलुहान था, जब मुझको मिला। 

जिस पहाड़ को देखने मैं गया,
मुझको यारों, ना मिला, ना मिला। 

चले करने, दर्शन शिखर हिम का ,
मुझको वो भी,  ना मिला, ना मिला। 

रंग-बिरंगे मकान के पीछे,
अस्मत छुपाते हिम, मुझको मिला। 

गीत चिड़ियों की तो बात छोड़ो,
दर्शन कौओं का मुझे ना मिला। 

छीन कर बसेरा सब चिड़ियों का,
रहने को आसरा, मुझको मिला। 

ख़ाक छानता रहा इस शहर की,
मूल शख्स अमीर, मुझे ना मिला। 

थी तलाश मासूमियत की मुझे,     
एक भी आदमी, मुझको न मिला। 

दर्द ये बस हिम का नहीं “राही”,
हर शहर मुझको, ऐसा ही मिला। 
    
- © राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

बशीर बद्र साहब की गायन शैली में इस ग़ज़ल को मेरी आवाज़ में सुनने की लिए निचे दिए गए विडिओ लिंक को क्लिक करें। 



Wednesday, December 27, 2017

फोटोग्राफी : पक्षी 41 (Photography : Bird 41 )


Photography: (dated 25 11 2017 05:00 PM )

Place : Kapurthala, Punjab, India

Pied myna

The pied myna or Asian pied starling is a species of starling found in the Indian subcontinent and Southeast Asia. They are usually found in small groups mainly on the plains and low foothills. They are often seen within cities and villages although they are not as bold as the common myna.

Scientific name:  Gracupica contra
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava


सिरोली मैना या अबलक मैना भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाने वाले मैना की एक प्रजाति है। वे आमतौर पर मैदानों और निम्न तलहटी पर छोटे समूहों में पाए जाते हैं। ये अक्सर शहरों और गांवों में देखा जाता है, हालांकि वे सामान्य मैना से इतर शर्मीले होते हैं।

वैज्ञानिक नाम: ग्रैक्यूपिका कॉन्ट्रक्ट
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-

Bengali:গো শালিক, গোবরে শালিক; Bhojpuri: सिरोई मैना, सिरोई, सिरोली; Gujarati: કાબરી કાબર
Hindi: अबलक मैना, सिरोली मैना; Marathi: रंगीत मैना, कवडी मैना; Punjabi: ਡੱਬੀ ਮੈਨਾ; Sanskrit: भरत शबल सारिका; Tamil: கறுப்பு வெள்ளை மைனா








-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



Friday, December 22, 2017

परिवेश





  



  









परिवेश - (एक मुक्त कविता)


जाड़े की नर्म धूप,
खो दी है तुमने,  
अपने हिस्से की। 

तुम्हें पसंद है,
वातानुकूलित परिवेश,
और छूट गया साथ,
जिसे तुम चाहते हो। 

तुम चाहते हो शांति,
तुम छुप जाते हो अपने,
वातानुकूलित विचारों में,
और दिखते हो शांत,
पर तुम्हें नहीं मिलती,
जिसे तुम चाहते हो। 

ऐसा नहीं है कि,
जो तुम्हें मिला वो,
तुम्हारी पसंद नहीं थी। 

वक्त की गर्त में,
धूल की ऐसी परतें,
जम गई है विचारों में,
बन गए हो खुदगर्ज,
नहीं सोचते उसके बारे में,
जिसे तुम चाहते हो। 

जब भी झुलस जाते हो,
वातानुकूलित विचारों से,
और पाते हो खुद के, 
रिश्तों में सर्द मौसम। 
  
नहीं देना चाहते हो,
पर दे जाते हो दुःख,
जिसे तुम चाहते हो। 

अब निकलो तुम अपने,
वातानुकूलित परिवेश से। 

दोनों के विचारों से,
बनाओ नया परिवेश। 

दूर करो उसके आँखों के
सामने छाये कोहरे को,
और कह दो ज़ुबाँ से,
चाहिए नर्म धूप उससे,
जिसे तुम चाहते हो। 

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Wednesday, December 20, 2017

फोटोग्राफी : पक्षी 40 (Photography : Bird 40 )


Photography: (dated 15 08 2017 07:30 AM )

Place : Kapurthala, Punjab, India

Black-rumped flameback

(Golden-backed woodpecker)

The black-rumped flameback, also known as the lesser golden-backed woodpecker or lesser goldenback, is a woodpecker found widely distributed in the Indian subcontinent. It is one of the few woodpeckers that are seen in urban areas. It is a golden-winged woodpecker with a black throat and black rump.

Scientific name:  Dinopium benghalense


Photographer   :  Rakesh kumar srivastava


सुनहरा कठफोड़वा(लेस्सर गोल्डेन-बैक्ड कठफोड़वा) , जिसे भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। यह कठफोड़वा शहरी क्षेत्रों में देखा जाता है। यह एक काले गले और काली दुम के साथ सुनहरा पंख वाला कठफोड़वा है।


वैज्ञानिक नाम: डेनोपियम बंगालेंस
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-
Bengali: বাংলা কাঠঠোকরা; Gujarati: સોનેરી પીઠ લક્કડખોદ; Hindi: सुनहरा कठफोड़वा; Kannada: ಸುವರ್ಣ ಬೆನ್ನಿನ ಮರಕುಟಿಕ: Malayalam: നാട്ടുമരംകൊത്തി; Marathi: छोटा सोनपाठी सुतार, वाढई; Nepali: कालोढाडे लाहाँचे; Sanskrit: काष्ठकूट; Tamil: பொன்முதுகு மரங்கொத்தி; Telugu: చిరుతపక్షి












































       














RAILCOACH FACTORY KAPURTHALA
(03-11-2021)
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"


Friday, December 15, 2017

इज़हार-ए-मोहब्बत











इज़हार-ए-मोहब्बत

मुझे नहीं लेना-देना है, किसी से,
मेरा जीना-मरना, तेरे ही दम से,
तुम मेरी जान हो, मेरा ईमाँ हो,   
सच कहता हूँ मैं, तुम को ये कसम से। 

शुक्र है तेरा-मेरा संग हुआ है,
मैंने तेरा साथ पाया मुश्किल से,
तेरी नवाज़िश और तेरा करम है,
मैं ये कर्ज चुकाऊँगा किस तरह से।  

मेरे सपनों की रानी बन गई हो,
तुझको ही मैंने माँगा है ख़ुदा से,
तुम्हीं मेरी मंजिल, तुम ही ख़ुदा हो,
तुझको पा लूँगा, अपनी ही वफ़ा से। 

मैंने जो कहना था वो कह दिया है,
अब तुम भी तो बोलो अपनी जुबाँ से।
   
तुम मेरे प्रीतम, मेरे दिलदार हो,
तुम्हें अपनाती हूँ आज, मैं दिल से। 

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

इस गीत को निचे दिए गए लिंक को क्लिक कर सुन सकते हैं।




Wednesday, December 13, 2017

आत्म-स्वीकारोक्ति











आत्म-स्वीकारोक्ति

मैं कह नहीं सकती,
बेवफ़ा उसको भी,
हाँ! और देखा है,
उसकी वफ़ा को भी। 

रही होगी कोई,
मजबूरी तभी तो,
छोड़ गया है तन्हां,  
यूँ, यहाँ मुझको भी। 

तन्हां कहूँ ये भी,
शायद गलत होगा,
मौजूद रहता है,
तन-मन में अभी भी। 

जुदा है जिस्म अभी,
है ना असर मुझ पर,
कायर समझते हो,
उसको तुम अभी भी।    

हमारा न था कभी,
जिस्मानी संबंध,  
आत्मिक रिश्तों को,
ना समझोगे कभी। 

गुजर रहा पल अभी,
ख़ुशी में ऐ “राही”,
शक राधा-कृष्ण पर,   
न करता कोई भी। 

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Friday, December 8, 2017

फोटोग्राफी : पक्षी 39 (Photography : Bird 39 )


Photography: (dated 12  10 2017 07:00 AM )

Place : Kapurthala, Punjab, India

Common stonechat Female

Siberian Stonechat or Asian Stonechat has recently been recognized as a species of the old World Flycatcher family (Muscope). It is similar to the European Stonechat (S.Robicola), but with less orange color on the chest with a white crust and usually darker color below. 

Scientific name:  Saxicola maurus

Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

साइबेरियाई स्टोनचेट या एशियन स्टोनचेट, हाल ही में पुराने वर्ल्ड फ्लाईकैचर परिवार (मस्किकापिडे) की प्रजाति के रूप में मान्यता दी गई है ।यह यूरोपीय स्टोनचेट(एस रबिकोला)के जैसा होता है, लेकिन छाती पर कम नारंगी रंग के साथ एक सफेद पपड़ी और आम तौर पर नीचे गहरा रंग होता है।

वैज्ञानिक नाम: सैक्सिकोला माउरस
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव
अन्य भाषा में नाम:-
Gujarati:મેંદીયો પિદ્દો; Marathi/हिन्दी:गप्पीदास, गोजा








-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



Wednesday, December 6, 2017

फोटोग्राफी : पक्षी 38 (Photography : Bird 38 )


Photography: (dated 20 10 2017 07:30 AM )

Place : Kapurthala, Punjab, India

Indian peafowl or peacock(The male)

The Indian peafowl or blue peafowl, A brightly colored bird is found in many parts of the world besides South Asia.
The peacock was declared a national bird of India in 1963 due to its India's national religious traditions and being found in all the places of India. 


Scientific name:  Pavo cristatus
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

भारतीय मयूर या नीले मयूर. एक चमकीले रंग का पक्षी, दक्षिण एशिया  अलावा  दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है ।
भारत के राष्ट्रीय परंपराओं में अपनी धार्मिक और सभी जगह सामान रूप में पाए जाने के  कारण मोर को 1963 में भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था।
वैज्ञानिक नाम: पावो क्रिस्टटस
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-

Bengali:ময়ূর; Bhojpuri: मोर; French: Paon bleu; Gujarati: મોર (નર), ઢેલ (માદા); Hindi: मोर, नीला मोर; Kannada: ನವಿಲು; Malayalam: ഇന്ത്യൻ മയിൽ, നീലമയിൽ; Marathi: मोर (नर), लांडोर (मादी); Nepali: निलो मयूर, मुजुर; Oriya: ମୟୂର; Sanskrit: मयूर, भुजङ्गभुज्; Tamil: இந்திய மயில்; Telugu: నెమలి







                             छतबीर चिड़ियाघर जीरकपुरपंजाब

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



Friday, December 1, 2017

एक छोटी सी प्रेम-कहानी











एक छोटी सी प्रेम-कहानी
कहनी थी इक बात वो,
तुम से कह नहीं पाया,
कैसे कहूँ तुम से मैं,
अभी तक समझ न पाया। 

आसमां में उड़ता है,
एकाकी मन का पक्षी,
तेरा मेरा मिलन हो,  
और चाँद हो साक्षी। 

इक झलक देखूँ तुझको,
मन मेरा चाहता है,
गर तुम कहीं मिल जाओ,
सुकून कहाँ मिलता है। 

मेरे दिल की बात को,
जब तक नहीं सुनती हो,
कैसे कह दूँ सभी से,  
प्यार मुझ से करती हो। 

मैं तो हो गया पागल,
वो लिपट गई गले से,
औ' लरज़ते हुए कहा,
प्रेम करती हूँ तुम से। 

मुराद यूँ पूरी हुई,
बन गई वो अब मेरी,
मस्ती में कट रही है,
रब ये फ़ज़ल है तेरी। 
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
चित्र https://www.flickr.com/ से साभार।