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Wednesday, May 30, 2018

फोटोग्राफी : पक्षी 56 (Photography : Bird 56 )


Photography: (dated 03 04 2018 07 :30 AM )

Place : Kapurtala, Punjab, India

House crow

The house crow, also known as the Indian, greynecked, Ceylon or Colombo crow, is a common bird of the crow family that is of Asian origin but now found in many parts of the world, where they arrived assisted by shipping. It is between the jackdaw and the carrion crow in size (40 cm (16 in) in length) but is slimmer than either. The forehead, crown, throat and upper breast are a richly glossed black, whilst the neck and breast are a lighter grey-brown in colour. The wings, tail and legs are black. There are regional variations in the thickness of the bill and the depth of colour in areas of the plumage.
crows live in a group called a murder.

  
Scientific name:  Corvus splendens
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

कौवा , जिसे भारतीय, ग्रेनेक्ड, सिलोन या कोलंबो क्रो के नाम से भी जाना जाता है, जो एशियाई मूल की कौवा परिवार का एक आम पक्षी है, लेकिन शिपिंग की सहायता से अब दुनिया के कई हिस्सों में पाया जाता है। इसकी लंबाई जैकडॉ और कैरियन कौवा के बीच है (लंबाई में 40 सेमी (16 इंच)) लेकिन यह उनसे पतला है। माथे, गले और ऊपरी भाग का रंग पर चमकता हुआ काला होता है, जबकि गर्दन और छाती का रंग में हल्का धूसर-भूरा होता है। पंख, पूंछ और पैर काले होते  हैं। चोंच की मोटाई और पंख के क्षेत्रों में रंग की गहराई में क्षेत्रीय भिन्नताएं होती हैं। 
कौवों के समूह को अंग्रेजी में मर्डर कहते हैं। 

वैज्ञानिक नाम :  कॉर्वस स्पेंडेन्स
फोटोग्राफर    :राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-

Assamese: পাতি কাউৰী; Bengali: পাতিকাক; Gujarati: દેશી કાગડો; Hindi: कौवा; Kannada: ಕಾಗೆ; Malayalam: പേനക്കാക്ക; Marathi:कावळा, गावकावळा; Nepali: घर काग; Oriya: କାଉ; Sanskrit: ग्राम काक, वायस; Tamil: வீட்டுக் காகம்





-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"






Friday, May 25, 2018

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली: रामतीरथ मंदिर, अमृतसर


 महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली:  रामतीरथ मंदिर, अमृतसर
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भारत में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि आश्रम का दावा निम्नलिखित स्थानों पर किया जाता है, जहाँ लव-कुश का जन्म हुआ और सीता जी धरती में समाहित हुई ।

1.  बाल्मीकि नगर जो वर्तमान में बिहार प्रान्त के अंतर्गत राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को छूती एक-दूसरे से गले मिलती बिहार, नेपाल और उत्तर प्रदेश के बीच बाल्मीकि नगर का यह स्थान महर्षि बाल्मीकि स्थान के नाम से जाना जाता है। स्वर्ण भद्रा ,ताम्रभाद्र और नारायणी जैसी प्राचीन देव नदियों का संगम इसी स्थान पर है। आज स्वर्ण भद्रा को सरस्वती ,ताम्रभद्रा को तमसा कहा जाता है।
2. सीता समाहित स्थल (सीतामढ़ी) मंदिर संत रविदास नगर जिले में स्थित है। यह मंदिर इलाहबाद और वाराणसी के मध्य स्थित जंगीगंज बाज़ार से 11 किलोमीटर दूर गंगा के किनारे स्थित है जहाँ टोंस नदी (तमसा) मिलती है।
3. महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर चित्रकूट-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग में है। झुकेही से निकली तमसा नदी इस आश्रम के समीप से बहती हुई सिरसर के समीप यमुना में मिल जाती है।
4. कानपुर शहर से 17 किलोमीटर दूर बिठूर में ।
5. तुरतुरिया ज़िला रायपुर, छत्तीसगढ़
6. मेरठ से करीब 27 किलोमीटर दूर बागपत का एक गांव है बलैनी में हिंडन नदी के पास स्थित है।
7.  नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड के सीतामढ़ी में ।
8. राजस्थान के बारां जिले में केलवाड़ा कस्बे के पास स्थित सीताबाड़ी मंदिर।
9.  मऊ जनपद मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम दिशा में ।
10. अशोकनगर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूरी पर मुंगावली तहसील के करीला गांव में ।
11. अमृतसर से 11 किमी दूर पर रामतीरथ मंदिर है। आज मैं आपको अमृतसर में स्थित महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली की सैर पर ले चलता हूँ  :


रामतीर्थ  मंदिर
आदि कवि संत वाल्मीकि जी के आश्रम में भगवान् श्री राम जी के पुत्र लव और कुश का जन्मस्थल है और यहाँ पर माता सीता जी धरती में समाहित हुई थी । श्री राम तीर्थ मंदिर, महर्षि वाल्मीकि जी को समर्पित, राम तीरथ रोड, कलर,अमृतसर से पश्चिम दिशा में करीब 11 किमी दूर , पंजाब में स्थित है। इस नैयनाभिराम मंदिर का निर्माण पंजाब सरकार की महत्तवाकांक्षी परियोजना थी, और इसका निर्माण  200 करोड़ की राशि की लागत से  किया गया है। यहाँ पर आप आधुनिक एवं पुरातन काल के  संगम को स्वतः महसूस कर सकते है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही इसकी भव्यता आपको आकृष्ट करती है। सरोवर विहीन मशहूर मंदिर एवं गुरूद्वारे की कल्पना आप पंजाब में नहीं कर सकते और इसी कथनी को सत्यापित करता है सरोवर के बीच बना  भव्य मंदिर। अपनी विशिष्ट शैली से निर्मित यह स्मारक-सह-भगवान वाल्मीकि मंदिर अपने-आप में अनूठा है। मंदिर के प्रागण में 80 फुट का महावीर श्री हनुमान जी की मूर्ति बरबस अपनी ओर आकृष्ट करती है और जब आप सरोवर के बीच बने भव्य मंदिर में प्रवेश करते है तो  5.5 फीट ऊंची 800 किलोग्राम वजन की , स्वर्ण परत से मढ़ी गई भगवान् वाल्मीकि जी की सौम्य एवं विशाल मूर्ति के दर्शन मात्र से दिल में शान्ति के दीप जल उठते हैं।  इस मूर्ति के मूर्तिकार प्रभात राय जी हैं।  1 दिसम्बर 2016 दिन गुरुवार को भगवान् वाल्मीकि जी की मूर्ति की स्थापना के साथ ही अत्याधुनिक स्मारक-सह-भगवान वाल्मीकि मंदिर का उद्घाटन किया गया। यहाँ हर साल दिवाली के पंद्रह  दिन बाद पांच दिनों की अवधि के लिए मेला आयोजित किया जाता है। यहाँ पर अपना मकान बनाने  की मनोकामना पूर्ण करने हेतु श्रद्धालु द्वारा दो-चार ईटों द्वारा घर बना कर, मन्नत मांगने की प्रथा भी  है। आइए आपको तस्वीरों के माध्यम से इस मंदिर का दर्शन करायें : 







 सीता कुण्ड 

 ईट का बना मनौती वाला घर 







-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"


Wednesday, May 23, 2018

MEME SERIES - 8


Biweekly Edition (पाक्षिक संस्करण) 23 May'2018 to 05 June'2018

मीम (MEME)

"यह एक सैद्धांतिक इकाई है जो सांस्कृतिक विचारों, प्रतीकों या मान्यताओं आदि को लेखन, भाषण, रिवाजों या अन्य किसी अनुकरण योग्य विधा के माध्यम से एक मस्तिष्क से दूसरे मस्तिष्क में पहँचाने का काम करती है। "मीम" शब्द प्राचीन यूनानी शब्द μίμημα; मीमेमा का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ हिन्दी में नकल करना या नकल उतारना होता है। इस शब्द को गढ़ने और पहली बार प्रयोग करने का श्रेय ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस को जाता है जिन्होने 1976 में अपनी पुस्तक "द सेल्फिश जीन" (यह स्वार्थी जीन) में इसका प्रयोग किया था। इस शब्द को जीन शब्द को आधार बना कर गढ़ा गया था और इस शब्द को एक अवधारणा के रूप में प्रयोग कर उन्होने विचारों और सांस्कृतिक घटनाओं के प्रसार को विकासवादी सिद्धांतों के जरिए समझाने की कोशिश की थी। पुस्तक में मीम के उदाहरण के रूप में गीत, वाक्यांश, फैशन और मेहराब निर्माण की प्रौद्योगिकी इत्यादि शामिल है।"- विकिपीडिया से साभार.

MEME SERIES - 8

By looking at this picture you might be having certain reaction in your mind, through this express your reaction as the title or the  caption. The selected title or caption of few people will be published in the next MEME SERIES POST.

इस तस्वीर को देख कर आपके मन में अवश्य ही किसी भी प्रकार के प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई होगी, तो उसी को शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)के रूप में व्यक्त करें। चुने हुए शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)को अगले MEME SERIES POST में प्रकाशित की जाएगी।

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The next edition will be published on JUNE 06, 2018. If you have similar type of picture on your blog, leave a link of your post in my comments section. I will link your posts on my blog in the next edition. Thank you very much dear friends for all your valuable captions for MEME SERIES-7 . Your participation and thoughts are deeply appreciated by me. Some of the best captions are listed below.

अगला संस्करण 06 जून , 2018 को प्रकाशित किया जाएगा। यदि आपके ब्लॉग पर इस तरह की कोई तस्वीर है, तो अपने पोस्ट का लिंक मेरी टिप्पणी अनुभाग में लिख दें। मैं अगले संस्करण में अपने ब्लॉग पर आपका पोस्ट लिंक कर दूंगा। मेरे प्रिय मित्रों, आपके सभी बहुमूल्य शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION) के लिए धन्यवाद। MEME SERIES-7 के पोस्ट पर आपकी भागीदारी और विचारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया, उनमें से कुछ बेहतरीन कैप्शन नीचे उल्लेखित हैं। 

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MEME SERIES-7 के बेहतरीन कैप्शन

बोझ तुम्हारा मेरे सपने---------सुशील कुमार जोशी (SKJoshi)


जीवन का बोझ उठाते सब
हम जहां का बोझ उठाते हैं। ----------------Kusum Kothari

जीवन का सफर है अनवरत जारी
झुकी पीठ ख्वाहिशों का बोझ भारी---------------------sweta sinha 


बोझ से दबी ज़िंदगी-------------------------------------------------Ravindra Singh Yadav

Friday, May 18, 2018

अफ़वाह


अफ़वाह 

कानों सुनी बातों का असर,
डाले ये, समझने पर असर
जगाता है झूठा अहंकार,
सजाता है नफ़रत का शहर.

आसां नहीं है सत्य का डगर, 
तय करता है ये लम्बा सफ़र,
टूटती है उम्मीदें कितनी,
शैतान इससे है बे-असर.

कानों में घोलते हैं जहर,
फैलाते हैं उन्मादी लहर,
बचना तुम ऐसे लोगों से,
नहीं तो जल जाएगा शहर.

भाईचारे पर बुरी नज़र,
जो पड़ जाए कहीं भी अगर,
समझ लेना उनकी चाल को,
उनको मिलकर बेनक़ाब कर.

पा लिया अब ज्ञान का सागर
दिखा दो अभी प्यार का मंज़र,
शैतान अंधे हो जाएँगे,
जब देखेंगे यहाँ का सहर.

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Wednesday, May 16, 2018

फोटोग्राफी : पक्षी 55 (Photography : Bird 55)



PHOTOGRAPHY: (DATED 02 04 2018 08:00 AM )

PLACE : KAPURTHALA, PUNJAB, INDIA

Red-breasted flycatcher

The red-breasted flycatcher is a small passerine bird in the Old World flycatcher family. It breeds in eastern Europe and across central Asia and is migratory, wintering in south Asia. It is a regular passage migrant in western Europe, whereas the collared flycatcher which breeds further west is rare. This is because of the different migration direction.

Scientific name:  Ficedula parva
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

तुर्रा फ्लाईकैचर एक छोटी सी ओल्ड वर्ल्ड फ्लाईकैचर परिवार का पक्षी है। इनकी नस्लें पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में पाया जाता है और सर्दियों में दक्षिण एशिया में प्रवास करते है। 

वैज्ञानिक नाम: फिसेडुला परवा
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव

अन्य भाषा में नाम:-


Hindi: तुर्रा; Assamese: গলমণিকা নাচনী; Gujarati:ચટકી માખીમાર; Malayalam:പക്കിക്കുരുവി; Marathi: तांबुला, लाल छातीची लिटकुरी, लाल छातीचा तांबुला; Punjabi: ਲਾਲ ਹਿੱਕੀ ਟਿਕਟਿਕੀ

Red-breasted flycatcher

Red-breasted flycatcher

Red-breasted flycatcher

Red-breasted flycatcher

Red-breasted flycatcher

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-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Friday, May 11, 2018

त्रिवेणी - यही दस्तूर है जीवन का




त्रिवेणी - यही दस्तूर है जीवन का-1 

1. 
जो मैंने चाहा ना मिला तो क्या हुआ,
जो तुमने चाहा मिल गया तो क्या हुआ,

नई चाह है अब हम दोनों के पास, यही दस्तूर है जीवन का। 

2.  
फूल खिलने पर तुम खुश होते हो,
उसके मुरझाने पर तुम रोते हो,

कुछ भी करो बस चलते रहो , यही दस्तूर है जीवन का। 

 3. 
जिसे तुम चाहोगे शायद ना मिले,
बिन माँगे तुमको बहुत कुछ मिला,

चुपचाप कर्म करो अपना, यही दस्तूर है जीवन का। 

4.  
जब प्राण संकट में पड़ जाते हैं,
भौतिक सम्पदा काम नहीं आती है.

मुक्ति मिलते ही फिर भागते हो, यही दस्तूर है जीवन का। 

5.  
नैतिकता नहीं है अब तुम में,
फिर भी ढूंढते हो तुम औरों में,


जो बोया है वही काटोगे, यही दस्तूर है जीवन का।

-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

Wednesday, May 9, 2018

MEME SERIES - 7


Biweekly Edition (पाक्षिक संस्करण) 09 May'2018 to 22 May'2018

मीम (MEME)

"यह एक सैद्धांतिक इकाई है जो सांस्कृतिक विचारों, प्रतीकों या मान्यताओं आदि को लेखन, भाषण, रिवाजों या अन्य किसी अनुकरण योग्य विधा के माध्यम से एक मस्तिष्क से दूसरे मस्तिष्क में पहँचाने का काम करती है। "मीम" शब्द प्राचीन यूनानी शब्द μίμημα; मीमेमा का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ हिन्दी में नकल करना या नकल उतारना होता है। इस शब्द को गढ़ने और पहली बार प्रयोग करने का श्रेय ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस को जाता है जिन्होने 1976 में अपनी पुस्तक "द सेल्फिश जीन" (यह स्वार्थी जीन) में इसका प्रयोग किया था। इस शब्द को जीन शब्द को आधार बना कर गढ़ा गया था और इस शब्द को एक अवधारणा के रूप में प्रयोग कर उन्होने विचारों और सांस्कृतिक घटनाओं के प्रसार को विकासवादी सिद्धांतों के जरिए समझाने की कोशिश की थी। पुस्तक में मीम के उदाहरण के रूप में गीत, वाक्यांश, फैशन और मेहराब निर्माण की प्रौद्योगिकी इत्यादि शामिल है।"- विकिपीडिया से साभार.

MEME SERIES - 7

By looking at this picture you might be having certain reaction in your mind, through this express your reaction as the title or the  caption. The selected title or caption of few people will be published in the next MEME SERIES POST.

इस तस्वीर को देख कर आपके मन में अवश्य ही किसी भी प्रकार के प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई होगी, तो उसी को शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)के रूप में व्यक्त करें। चुने हुए शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)को अगले MEME SERIES POST में प्रकाशित की जाएगी।

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The next edition will be published on May 23, 2018. If you have similar type of picture on your blog, leave a link of your post in my comments section. I will link your posts on my blog in the next edition. Thank you very much dear friends for all your valuable captions for MEME SERIES-6 . Your participation and thoughts are deeply appreciated by me. Some of the best captions are listed below.

अगला संस्करण 23 मई , 2018 को प्रकाशित किया जाएगा। यदि आपके ब्लॉग पर इस तरह की कोई तस्वीर है, तो अपने पोस्ट का लिंक मेरी टिप्पणी अनुभाग में लिख दें। मैं अगले संस्करण में अपने ब्लॉग पर आपका पोस्ट लिंक कर दूंगा। मेरे प्रिय मित्रों, आपके सभी बहुमूल्य शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION) के लिए धन्यवाद। MEME SERIES-6 के पोस्ट पर आपकी भागीदारी और विचारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया, उनमें से कुछ बेहतरीन कैप्शन नीचे उल्लेखित हैं। 

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हौसला है तो आसमान छोटा है सिलने के लिये---------सुशील कुमार जोशी (SKJoshi)



ओ रफूगर कर कोई रफू बद्अख्तरी का ता उम्र के लिये
एक सिवन करने से पहले एक खूल जाती है। ----------------Kusum Kothari

Friday, May 4, 2018

ना समझो नादान हमें

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ना समझो नादान हमें

ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

है कठिन मंजिल अपनी,
समस्या को तो आना है,
समस्याओं को सुलझाकर,
आगे बढ़ते जाना है। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

विकास-पथ पर निकले हम,
आगे बढ़ते जाना है,
रक्षा करें पर्यावरण की,
यह भी प्रण उठाना है। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

सभी धर्मों के लोग यहाँ,
मिलजुल कर यूँ रहना है    
बस प्यार हो आपस में,
नया समाज बनाना है। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

निरक्षरता ना रहे यहाँ,
यह अभिशाप मिटाना है,
साक्षर हो यहाँ हम सभी,
यह जागृति जगाना है। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

सूचना “औ” तकनीक की 
लहरों पर सवार है हम,
हर मुश्किल को पार करें,
हम में है अब इतना दम। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 
  
हम ऐसा काम करेंगे,
दुनिया करे हमें सलाम,
हर क्षेत्र विकसित  होगा,
चमकेगा भारत का नाम। 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 

हम सब की अभिलाषा है,
मिले भारत को शोहरत,
विश्व फिर से पुकार उठे,  
सोने की चिड़िया “भारत” 
ना समझो नादान हमें,
हम नए युग के बच्चे हैं। 
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"



Wednesday, May 2, 2018

फोटोग्राफी : पक्षी 54 (Photography : Bird 54)



PHOTOGRAPHY: (DATED 06  07 2016 11:30 AM )

PLACE : ZIRAKPUR(CHHATBIR ZOO), PUNJAB, INDIA

Painted stork

The painted stork is a large wader in the stork family. It is found in the wetlands of the plains of tropical Asia south of the Himalayas in the Indian Subcontinent and extending into Southeast Asia. Their distinctive pink tertial feathers of the adults give them their name. They forage in flocks in shallow waters along rivers or lakes. They immerse their half open beaks in water and sweep them from side to side and snap up their prey of small fish that are sensed by touch. As they wade along they also stir the water with their feet to flush hiding fish. They nest colonially in trees, often along with other waterbirds. The only sounds they produce are weak moans or bill clattering at the nest. They are not migratory and only make short distance movements in some parts of their range in response to changes in weather or food availability or for breeding. Like other storks, they are often seen soaring on thermals.

Scientific name:  Mycteria leucocephala
Photographer   :  Rakesh kumar srivastava

कठसारंग तटीय क्षेत्र में पाए जाने वाला स्टोर्क परिवार का एक बड़ा पक्षी है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में हिमालय के दक्षिण में उष्णकटिबंधीय एशिया के जलमय भूमि में पाया जाता है और  एशिया के दक्षिणपूर्व तक फैला हुआ है। वयस्कों में विशिष्ट गुलाबी तृतीयक पंख होते हैं। ये नदियों या झीलों के साथ उथले पानी में झुंड में अपना शिकार करते हैं। 

वैज्ञानिक नाम: माईक्टेरिया लियूकोसेफाला
फोटोग्राफर: राकेश कुमार श्रीवास्तव
अन्य भाषा में नाम:-

Assamese: পাকৈঢোৰা; Bengali: রাঙা মানিকজোড়; Gujarati: પીળી ચાંચ ઢોંક; Hindi: कठसारंग, जंघिल, कंकरी; Malayalam: വർണ്ണക്കൊക്ക്; Marathi: चित्रबलाक, रंगीत करकोचा, चामढोक; Nepali: लालटाउके गरुड; Punjabi: ਚਿਤਰਾ ਲਮਢੀਂਗ; Sanskrit: काचाक्ष, पिंगलाक्ष, चित्रीत महाबक; Tamil: மஞ்சள் மூக்கு நாரை
Painted stork

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-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"