पंजाब कला भवन, चंडीगढ़
रोज गार्डेन के पास एक एकड़ भूमि पर फैला कला भवन का निर्माण एवं पंजाब कला परिषद की स्थापना, डॉ. एम एस रंधवा का सपना था जिसको उन्होंने मूर्त रूप दिया। 1979 से 1986 तक वे पंजाब कला परिषद के अध्यक्ष रहे। एक ही छत के नीचे कला, साहित्य और संस्कृति के सभी गतिविधियों के लिए स्थान मैंने पहली बार देखा जिसका नाम है कला भवन जो चंडीगढ़ के सेक्टर - 16 में स्थित है । कला भवन में पंजाब कला परिषद, पंजाब संगीत नाटक अकादमी, पंजाब ललित कला अकादमी एवं पंजाब साहित्य अकादमी के दफ़्तर है।
इसमें 3000 स्क्वायर फीट में फैला एक वातानुकूलित आर्ट गैलरी जिसका नाम पंजाब के मशहूर पेंटर सोभा सिंह के नाम पर है।
पुरुषों और महिलाओं के लिए दो अलग-अलग ग्रीन रूम वाले एवं 300 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता वाला एक वातानुकूलित ऑडिटोरियम है जिसका नाम संस्थापक की स्मृति में रंधावा ऑडिटोरियम रखा गया है।यह सभागार नाटक और संगीत कार्यक्रमों के लिए आधुनिक प्रकाश और ध्वनि प्रणाली से सुसज्जित है।
साहित्यिक कार्यों के लिए 100 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक लाउंज है।
बैठकों, सेमिनारों और सम्मेलनों के लिए 30 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता वाला एक वातानुकूलित समिति कक्ष है।
300 व्यक्तियों की बैठने की क्षमता वाला एक ओपन एयर थियेटर है।
कलाकारों और अन्य मेहमानों को रहने के लिए 6 कमरे (4 वातानुकूलित और 2 डेजर्ट कूलर) वाला अतिथि कक्ष है।
भूमि तल पर एक पुस्तकालय का कमरा है जिसमें दैनिक समाचार पत्रों के साथ सुसज्जित कला और संस्कृति पढ़ने के लिए 3,000 से अधिक पुस्तकें हैं।
इसके वास्तुशिल्प को देख कर इसे हेरिटेज भवन का दर्जा प्राप्त है।
आइए ! तस्वीरों के माध्यम से इसे महसूस करें और समय मिले तो एक बार इसका दर्शन अवश्य करें।
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मेरे पोस्ट के प्रति आपकी राय मेरे लिए अनमोल है, टिप्पणी अवश्य करें!- आपका राकेश श्रीवास्तव 'राही'