हम तितली हैं, अमृत-रस को ढूंढ ही लेंगे,
फूलों का साथ है तो, खुशियाँ ढूंढ़ ही लेंगे।
हैं मानव हम, हार नहीं कभी मानने वाले,
कैसी भी हो समस्या, समाधान ढूंढ ही लेंगे।
माना की अपनी मंजिल से हम भटक गए थे,
आँख खुली है अब तो रास्ता ढूंढ ही लेंगे।
नई चुनौतियों से हम कहाँ है डरने वाले,
युवा है यह देश, हल तो कोई ढूंढ ही लेंगे।
सुनी सुनाई बातों में नहीं हम आने वाले,
जाँच-परख कर अपना फैसला ढूंढ ही लेंगे।
नई ऊँचाइयों पर हम परचम लहराने वाले,
तिरंगा ऊचां रहे वो चोटी हम ढूंढ ही लेंगे।
माना ये शुरूआती दौर है कहीं हार हुई है,
हार से सीख हम जीत का मंत्र ढूंढ ही लेंगे।
आँख खुलना - मुहावरा अर्थ · जागना; वास्तविकता से अवगत होना; भ्रम दूर होना।
- © राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
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