फोटो एवं ग्राफ़िक्स -राकेश कुमार श्रीवास्तव |
सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
मेरे चारो ओर,अंधकार
है,
चिंताएं नाना
प्रकार हैं.
तम को तू कर दे,नाश
माँ,
ज्ञान की जला ,
माँ तू ज्योति.
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
मैं घिरा हूँ माँ,
शोक-संताप
से
मैं जल रहा ,
वेदना की आग से.
माँ बजा,
वीणा से मधुर रागनी .
दे दे माँ,
चित्त को निर्मल शांति.
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
सही-गलत
में है, मन
फँसा,
बहुत दयनीय है,
मेरी दशा .
माँ!
गुण हंस जैसा मुझको दे,
माँ!
दे तू सत्य की अनुभूति.
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
तेरी कृपा,
मुझपे हो ऐसी माँ,
मैं जिउँ ,
कमल समान माँ.
वाणी हो मेरी,
तेरी वीणा जैसी,
मेरा चित्त चमके,
जैसे तेरा मोती.
माँ सरस्वती ,
माँ सरस्वती ,
हम कर रहें ,
तेरी स्तुति .
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप सब को शुभ कामनाएँ, माँ सरस्वती आप सब पर कृपा बनाएँ रखें.
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आप सब को शुभ कामनाएँ, माँ सरस्वती आप सब पर कृपा बनाएँ रखें.
-राकेश कुमार श्रीवास्तव
बहुत अच्छी रचना है। जय मॉं सरस्वती।
ReplyDeleteसब पर माँ शारदे की कृपा बनी रहे..
ReplyDeletebahut achha...
ReplyDeletemata ki kripa hum par bni rhe..
माँ सरस्वती की क्रोपा आपपे बरस रही है ... सुन्दर रचना का सृजन हो रहा है ...
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