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Wednesday, January 30, 2013

भजन

GRAPHICS DESIGN BY R. K. SRIVASTAVA













         भजन 

राम  कहें  या  ईशु  कहें ,
अल्लाह कहें या वाहेगुरु।
सबका मतलब, एक है यारों,
कुछ भी कहें, सब एक है वो।।

दीन-दुखियों के, वो रखवाले ,
हर शै   में  है ,  उसका नूर ।
उनको जब भी, दिल से पुकारो,
पास  मिलेंगे ,  हर - पल  वो ।।

करुणा दया और प्यार है जिसमें,
कृपा  अपनी  बरसाते  है  उस पे।
बीच भँवर में, जब नैया डूबे,
माँझी  बन ,  पार लगाते वो।।

प्यार से मिलकर, हम सब मनाएँ,
सभी    धर्म    के ,   त्योहारों   को।
हर मज़हब को, प्यार से देखो,
सभी   जगह  ,   रहता  है  वो।।

क्षेत्र, भाषा, जाति  और धर्म में ,
मत   बाटों  ,  अपने  आप  को।
नफ़रत की दीवार को तोड़ो,
हर  दिल  में,  बसता  है वो।।

शै=चीज़, वस्तु 
                            -राकेश कुमार श्रीवास्तव 

2 comments:

  1. सच कहा है ... सभी कुछ एक ही है पर इनसान को समझना जरूरी है ये सब ...

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मेरे पोस्ट के प्रति आपकी राय मेरे लिए अनमोल है, टिप्पणी अवश्य करें!- आपका राकेश श्रीवास्तव 'राही'