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Monday, September 24, 2012

येन केन प्रकारेण


हमको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!

गरीब को चाहिए रोटी,
पूरी करनी है ,
जरूरतें छोटी-मोटी ,
इसको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!

विद्यार्थी को चाहिए नंबर ,
रहन-सहन में आडंबर ,
इसको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!

पत्नी को चाहिए जेवर ,
पति को दिखा के अपना तेवर,
इसको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!

बाबू  हो या अधिकारी,
चाहिए महँगी गाड़ी ,
चाहे लेना पड़े रिश्वत भारी ,
इसको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!

नेता को चाहिए वोट ,
और भ्रष्टाचार से नोट,
इसको भइया सबकुछ  चाहिए ,
येन केन प्रकारेण! 

भुखमरी , बेरोज़गारी , 
रिश्वतखोरी और कालाबजारी ,
सब पे है ये भारी,
चाहे नेता हो या जनता,
गरीब हो या व्यापारी,
बाबू हो या अधिकारी ,
आओ ! इससे मुक्ति पाएँ ,
येन केन प्रकारेण!
राकेश कुमार श्रीवास्तव 

23/09/2012

                                     

4 comments:

  1. कविता बहुत सुन्दर है. हमारे तरफ से भ्रष्टाचार से मुक्ति सभी को मिलनी चाहिए.

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  2. बाबु हो या अधिकारी,..........बाबू
    चाहिए महँगी गाड़ी ,
    चाहे लेना पड़े रिश्वत भारी ,
    इसको भईया सबकुछ चाहिए ,.......भैया /भइया /अइ /ऐ /अइ
    येन केन प्रकारेण

    बहुत बढ़िया शब्द चित्र है वास्तु स्थिति का बधाई .

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  3. Well Written, Keep It Up!

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  4. chahiye hi bari samasya hai
    jo chahe wo ho jaye to fir kya hai
    jo bole so nihaal
    sab ho jaaye maalamaal

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मेरे पोस्ट के प्रति आपकी राय मेरे लिए अनमोल है, टिप्पणी अवश्य करें!- आपका राकेश श्रीवास्तव 'राही'