हमको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
गरीब को चाहिए रोटी,
पूरी करनी है ,
जरूरतें छोटी-मोटी ,
इसको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
विद्यार्थी को चाहिए नंबर ,
रहन-सहन में आडंबर ,
इसको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
पत्नी को चाहिए जेवर ,
पति को दिखा के अपना तेवर,
इसको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
बाबू हो या अधिकारी,
चाहिए महँगी गाड़ी ,
चाहे लेना पड़े रिश्वत भारी ,
इसको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
नेता को चाहिए वोट ,
और भ्रष्टाचार से नोट,
इसको भइया सबकुछ चाहिए ,
येन केन प्रकारेण!
भुखमरी , बेरोज़गारी ,
रिश्वतखोरी और कालाबजारी ,
सब पे है ये भारी,
चाहे नेता हो या जनता,
गरीब हो या व्यापारी,
बाबू हो या अधिकारी ,
आओ ! इससे मुक्ति पाएँ ,
येन केन प्रकारेण!
राकेश कुमार श्रीवास्तव
23/09/2012
कविता बहुत सुन्दर है. हमारे तरफ से भ्रष्टाचार से मुक्ति सभी को मिलनी चाहिए.
ReplyDeleteबाबु हो या अधिकारी,..........बाबू
ReplyDeleteचाहिए महँगी गाड़ी ,
चाहे लेना पड़े रिश्वत भारी ,
इसको भईया सबकुछ चाहिए ,.......भैया /भइया /अइ /ऐ /अइ
येन केन प्रकारेण
बहुत बढ़िया शब्द चित्र है वास्तु स्थिति का बधाई .
Well Written, Keep It Up!
ReplyDeletechahiye hi bari samasya hai
ReplyDeletejo chahe wo ho jaye to fir kya hai
jo bole so nihaal
sab ho jaaye maalamaal