दीप जलाएं!
एकता का हम अलख जगाएं,
हम सब मिलकर दीप जलाएं।
रण में हैं सब अपने बल पर,
मिल सभी एक जोर लगाएं।
कोई न हो निराश अभी से
आशा का हम दीप जलाएं।
एकता का हम अलख जगाएं,
हम सब मिलकर दीप जलाएं।
लड़ना पड़े अदृश्य शक्ति से,
सभी अपने डर को भगाएं।
करना है नाश तिमिर का, तो
आओ न! सभी दीप जलाएं।
एकता का हम अलख जगाएं,
हम सब मिलकर दीप जलाएं।
माँ भारती पर है आक्रमण,
शत्रुओं को मिलकर हराएं।
होनी है अब जीत हमारी,
दीप जलाकर जोश बढ़ाएँ।
एकता का हम अलख जगाएं,
हम सब मिलकर दीप जलाएं।
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव 'राही'