Wednesday, January 9, 2019
Friday, January 4, 2019
वक़्त
वक़्त तो गुजरने के लिए होता है,
वक़्त ही ख़ुशी-गम का सबब होता है.
वक़्त एक सा होता है इस शहर में,
उसी पल मातम कहीं जश्न होता है.
अपने आप पर गुरुर ना कर ऐ दोस्त,
एक वक़्त, राजा भी यहाँ रोता है.
मुक़द्दर देगा तेरे दर पर दस्तक,
वक़्त है कर्म का और तू सोता है.
वक़्त खुद ही रंग दिखाएगा इक दिन,
तू सब्र कर, होने दे जो होता है.
वक़्त आ गया है जब बीज बोने का,
तू सुनहरे मौके को क्यूँ खोता है.
वक़्त की जो कद्र नहीं करते "राही",
वो अपनी किस्मत पर सदा रोता है.
वक़्त ही ख़ुशी-गम का सबब होता है.
वक़्त एक सा होता है इस शहर में,
उसी पल मातम कहीं जश्न होता है.
अपने आप पर गुरुर ना कर ऐ दोस्त,
एक वक़्त, राजा भी यहाँ रोता है.
मुक़द्दर देगा तेरे दर पर दस्तक,
वक़्त है कर्म का और तू सोता है.
वक़्त खुद ही रंग दिखाएगा इक दिन,
तू सब्र कर, होने दे जो होता है.
वक़्त आ गया है जब बीज बोने का,
तू सुनहरे मौके को क्यूँ खोता है.
वक़्त की जो कद्र नहीं करते "राही",
वो अपनी किस्मत पर सदा रोता है.
-© राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
Tuesday, January 1, 2019
MEME SERIES - 23
Biweekly Edition (पाक्षिक संस्करण) 02 Jan '2018 to 15 Jan'2018
मीम (MEME)
"यह एक सैद्धांतिक इकाई है जो सांस्कृतिक विचारों, प्रतीकों या मान्यताओं आदि को लेखन, भाषण, रिवाजों या अन्य किसी अनुकरण योग्य विधा के माध्यम से एक मस्तिष्क से दूसरे मस्तिष्क में पहँचाने का काम करती है। "मीम" शब्द प्राचीन यूनानी शब्द μίμημα; मीमेमा का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ हिन्दी में नकल करना या नकल उतारना होता है। इस शब्द को गढ़ने और पहली बार प्रयोग करने का श्रेय ब्रिटिश विकासवादी जीवविज्ञानी रिचर्ड डॉकिंस को जाता है जिन्होने 1976 में अपनी पुस्तक "द सेल्फिश जीन" (यह स्वार्थी जीन) में इसका प्रयोग किया था। इस शब्द को जीन शब्द को आधार बना कर गढ़ा गया था और इस शब्द को एक अवधारणा के रूप में प्रयोग कर उन्होने विचारों और सांस्कृतिक घटनाओं के प्रसार को विकासवादी सिद्धांतों के जरिए समझाने की कोशिश की थी। पुस्तक में मीम के उदाहरण के रूप में गीत, वाक्यांश, फैशन और मेहराब निर्माण की प्रौद्योगिकी इत्यादि शामिल है।"- विकिपीडिया से साभार.
MEME SERIES - 23
By looking at this picture you might be having certain reaction in your mind, through this express your reaction as the title or the caption. The selected title or caption of few people will be published in the next MEME SERIES POST.
इस तस्वीर को देख कर आपके मन में अवश्य ही किसी भी प्रकार के प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई होगी, तो उसी को शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)के रूप में व्यक्त करें। चुने हुए शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION)को अगले MEME SERIES POST में प्रकाशित की जाएगी।
The next edition will be published on JANUARY 16, 2018. If you have similar type of picture on your blog, leave a link of your post in my comments section. I will link your posts on my blog in the next edition. Thank you very much dear friends for all your valuable captions for MEME SERIES-22 . Your participation and thoughts are deeply appreciated by me. Some of the best captions are listed below.
अगला संस्करण 02 जनवरी, 2018 को प्रकाशित किया जाएगा। यदि आपके ब्लॉग पर इस तरह की कोई तस्वीर है, तो अपने पोस्ट का लिंक मेरी टिप्पणी अनुभाग में लिख दें। मैं अगले संस्करण में अपने ब्लॉग पर आपका पोस्ट लिंक कर दूंगा। मेरे प्रिय मित्रों, आपके सभी बहुमूल्य शीर्षक(TITLE) या अनुशीर्षक(CAPTION) के लिए धन्यवाद। MEME SERIES-22 के पोस्ट पर आपकी भागीदारी और विचारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया, उनमें से कुछ बेहतरीन कैप्शन नीचे उल्लेखित हैं।
1. वृक्षों को काट खड़े किए कंक्रीट के जंगल,
प्रगति नहीं ये बस अमंगल ही अमंगल।
2. प्रगति के नाम पर वृक्षों से खिलवाड़,
हमें नहीं तुम खुद को रहे उजाड़।................................................Abhilasha Chauhan
Self destruction in action. ..................................................... Indrani Ghose
पाला तुम्हें प्यार से
ठंडी छांव दी प्राण वायु दी
फल दिये और अब अपना बसेरा बसाने को सब उजाड़ रहे।
कृत्घन!........................................................................................Kusum Kothari
कंक्रीट-सीमेंट-सरिया के जंगल में उपेक्षित पेड़. ..................................Ravindra Singh Yadav
1. वृक्षों को काट खड़े किए कंक्रीट के जंगल,
प्रगति नहीं ये बस अमंगल ही अमंगल।
2. प्रगति के नाम पर वृक्षों से खिलवाड़,
हमें नहीं तुम खुद को रहे उजाड़।................................................Abhilasha Chauhan
हमें नहीं तुम खुद को रहे उजाड़।................................................Abhilasha Chauhan
Self destruction in action. ..................................................... Indrani Ghose
पाला तुम्हें प्यार से
ठंडी छांव दी प्राण वायु दी
फल दिये और अब अपना बसेरा बसाने को सब उजाड़ रहे।
कृत्घन!........................................................................................Kusum Kothari
कंक्रीट-सीमेंट-सरिया के जंगल में उपेक्षित पेड़. ..................................Ravindra Singh Yadav
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