(पृष्ठभूमि :- लड़का एवं लड़की के परिवारों के बीच मधुर संबंधो के कारण वे एक दुसरे प्रति अपना
प्यार या भावनाएं प्रगट नहीं कर पाते और अलग अलग जीवन जीने को मजबूर होते हैं ।)
प्रेम गीत
काश हम अजनबी तेरे लिए होते
इजहारे मोहब्बत , सरेआम किये होते
काश तुम ......
जब से ये जाना मोहब्बत का नाम
मोहब्बत को दे दिया है तुम्हारा ही नाम
मोहब्बत का ये पैगाम , हम कब का,
तुम्हीं से ही खुलेआम पेश कर दिए होते
तुम्हीं से ही खुलेआम पेश कर दिए होते
काश तुम ......
मेरे लब यूँ सिले के सिले रह गए
इजहारे मोहब्बत का ख्याल दफ़न हो गए
नहीं होती हमारी बदहाल जीवन
नहीं होती हमारी बदहाल जीवन
मोहब्बत है तुम से , काश बता दिए होते
काश तुम ......
तेरे साँसों में मैं ही जीती रही
और तेरा ही नाम ले कर मैं मरती रही
तुम करते हो प्यार मुझसे पहले ही
काश मुझे इशारों में भी बता दिए होते
काश तुम ......
काश तुम ......
काश हम अजनबी तेरे लिए होते
इजहारे मोहब्बत , सरेआम किये होते
है एक-दूजे को, दिल से मोहब्बत
एक-दूजे को बस, इजहार कर दिए होते
काश तुम ......
है एक-दूजे को, दिल से मोहब्बत
एक-दूजे को बस, इजहार कर दिए होते
काश तुम ......
-राकेश कुमार श्रीवास्तव